समय-रथ

अस्ताचल में उतरने के पूर्व सूर्यदेव कुछ पल के लिए रुके, पूर्वी क्षितिज से पश्चिमी छोर तक के यात्रा-पथ को निहारा, कुछ गंभीर हुए एवं तत्पश्चात् क्षणभर में ओझल हो गए। डूबने से पूर्व आखिर इस मार्ग को…

चार अंगुल नीचे

सभी ग्रह-नक्षत्रों की प्रभा छीनकर सूर्य ने आकाश के पूर्वी छोर पर आधिपत्य किया तो समूचा कुरूक्षेत्र प्रकाश से नहा गया। ऐड देकर उनके सारथी अरुण ने रथ आगे किया तो रथ के पार्श्व भाग में खड़े दिनकर…

तुम कहाँ हो माँ ?

जाने वे कैसे लोग होते हैं जो कुछ नहीं करते एवं सब कुछ पा जाते हैं एवं फिर ताउम्र सबको सीख देते हैं कि सफल होने के यह गुण है, वह गुण हैं। वे लोग भी तो दुनियां…

असल मुनाफ़ा

भोर होते ही सौदागर ने पेड़ से बंधा अपना घोड़ा खोला, उसकी पीठ थपथपायी, दाना-पानी दिया एवं देखते ही देखते पेड़ के पास रखे इत्र के सातों कुप्पे उसकी पीठ पर लाद दिये। कुछ और सामान जैसे दो…

अहसास

बहुत  पुरानी  कहानी  है। हजार साल से भी पुरानी, संभव है इससे भी अधिक पुरानी हो।  न राजा का नाम पता है, न देश का। हाँ, यह बात तय है कहानी प्राचीन आर्यावर्त क्षेत्र के किसी देश की…

रहस्य

कुरुक्षेत्र महासमर के सोलहवें दिन सूरज लाल-पीला होकर डूबा तब सर्वत्र सेनापति कर्ण के शौर्य के चर्चे थे। आज कोई भी महारथी उसके आगे टिक नहीं पाया। अपने तीखे बाणों के प्राणांतक प्रहारों से कर्ण ने पाण्डव सेना…

तस्दीक

यदि तीन जड़-सरिताओं का पावन मिलन संगम कहलाता है तो तीन चैतन्य मित्रों का नित्य मिलना इससे भी अधिक पवित्र क्योंकर न होगा ?  सांझ ढले दारूड़ियों को जैसे दारू पीने की, बारिश के दिनों में भंगेड़ियों को…

पिशाच

विशालकाय ‘थार’ रेगिस्तान के सिंहद्वार ‘जोधपुर’ शहर के बारे में तो अनेक लोग जानते हैं लेकिन बहुत कम लोग इस तथ्य को जानते हैं कि यहाँ के लोग जितने बातूनी होते हैं उतने ही पेटू भी। यहाँ के…

भजनिया बाॅस

कालीगढ़ के ठाकुर बृजेन्द्र सिंह न सिर्फ एक कुशल प्रशासक थे, अपने इलाके में लोकप्रिय भी थे। उनका रुतबा अपने इलाके में ही नहीं, आस-पास के गांवों तक फैला था। चांदी की मूठ लगी लकड़ी हाथ में लिए…

कौल

जाने क्यों पापा इन दिनों अंधेरे में बैठे रहते हैं ? मौका मिलते ही वे घर के दाँये कोने में बने कमरे में चले जाते हैं। इस कमरे में बिना ट्यूब घुप्प अंधेरा रहता है। वहां जाकर कमर…

तस्वीर

किसी दिवंगत व्यक्ति की तस्वीर देखकर कैसा लगता है ? और अगर वह व्यक्ति आपका अंतरंग हो तो ? इस कमरे में खड़े होकर प्रद्युम्न की तस्वीर को देखना मानो उस सम्पूर्ण इतिहास को उलटने जैसा है जिसे…

बहू-बेटी

प्रिय बहू, सदा सुखी रहो ! सर्वप्रथम मैं मेरे पुत्र से तुम्हारी सगाई होने के उपलक्ष में तुम्हें बधाई देता हूँ। हमारे मित्र-रिश्तेदारों से भी हमें इन दिनों निरन्तर बधाइयाँ मिल रही हैं। घर-परिवार सभी के मन इन…